what is cybersecurity
saving data form harmful actvities

आज की इस डिजिटल दुनिया में सवाल है की what is cybersecurity दुनिया में साइबर सुरक्षा (cybersecurity) का महत्व दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है| इंटरनेट पर हर कदम के साथ हम अपनी व्यक्तिगत जानकारी डेटा और संवेदनशील विवरणों को जोखिम में डाल रहे हैं |लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आपके डेटा को सुरक्षित रखना क्यों जरूरी है और इसके लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं ? इस पोस्ट में हम what is cybersecurity के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और जो न केवल व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए बल्कि व्यवसायों के लिए भी अत्यंत आवश्यक है|

Table of Contents

साइबर सुरक्षा क्या है (what is cybersecurity)

साइबर सुरक्षा के प्रकार क्या है ?

cybersecurity का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है जिसमें बहुत सारे विषय शामिल हैं और इनको अलग अलग तरीकों से बांटा गया है तो चलिए इनको एक एक करके समझते हैं|

1.नेटवर्क सुरक्षा (network security )

इसका उद्देश्य नेटवर्क के सभी डेटा और संसाधनों की सुरक्षा करना है ताकि जो हैकर्स और साइबर अपराधी होते हैं वे नेटवर्क को नुकसान न पहुंचा सके अब नेटवर्क सुरक्षा में कई तकनीकें और टूल्स और प्रोटोकोल शामिल होते हैं जैक संगठित ढांचे के अंतर्गत काम करते हैं जिससे हमारी cybersecurity मजबूत होती है |

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  • फायरवाल(firewall): firewall एक सुरक्षा कोड है जो नेटवर्क और बाहरी वातावरण के बीच एक दीवार की तरह काम करता है या incoming और outging ट्रैफिक को मॉनिटर करता है और नियम के आधार पर केवल सुरक्षित ट्रैफिक को ही अनुमति देता है इस प्रकार से फ़ायरवॉल हार्ड्वेर या सॉफ्टवेयर के रूप में हो सकता है|
  • एंटीवायरस और एंटीमैलवेयर(antivirus and anti malware): antivirus software और ऐन्टी नेटवर्क में virus and malware को स्कैन करता है और उन्हें हटाने के लिए काम करता है | नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है ताकि नेटवर्क में कोई harmful फाइल्स या प्रोग्राम ना आ सके|
  • आईपीएस और आईडीएस (intrusion prevention system and intrusion detection system): आईपीएस नेटवर्क में होने वाले खतरों को रोकता है और जब भी कोई ऐसी संदिग्ध गतिविधि होती है तो आईपीएस इसे तुरंत रोकता है| ids यह network पर नजर रखता है और अनाधिकृत गतिविधियों का पता लगाने का काम करता है |

4. वी पी एन (VIRTUAL PRIVATE NETWORK): VPN नेटवर्क एक सुरक्षा चैनल बनाता है और ये डाटा को इनक्रिप्ट कर देता है और केवल जो ऑफ़िशियल उपयोगकर्ता होते है उनको ही नेटवर्क तक पहुंचाता है इससे होता ये हैं की हमारा जो डेटा है वो सुरक्षित रहता है और यह विशेषकर जो सार्वजनिक नेटवर्क पर और वेबसाइट्स पर|

5. ऐक्सेस कंट्रोल (ACCESS CONTROL): ऐक्सेस कंट्रोल हमारे बीच सुरक्षा नीती को निर्धारित करता है और ये डिसाइड करता है कि कौन से यूज़र किस प्रकार की जानकारी को एक्सेस कर सकते हैं या नहीं और एक्सेस कंट्रोल के माध्यम से ही केवल जो अधिकृत व्यक्ति होते हैं वो संवेदनशील डेटा तक पहुँच सकते हैं|

6. डाटा एन्क्रिप्शन (DATA ENCRYPTION): डाटा इनक्रिप्शन में डेटा को इस प्रकार कोर्ट में बदल दिया जाता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्ता ही समझ सके इसका मेन उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है ये डेटा चोरी हो भी जाता है तो इसका उपयोग न किया जा सके ऐसा इनक्रिप्शन इसके ऊपर लगा दिया जाता|

7. सेक्युरिटी पॉलिसीज और ट्रेनिंग (security policies and training): क्योंकि साइबर सुरक्षा में एक security POLICIES AND TRAINING बहुत जरूरी है तो उसके लिए मजबूत नेटवर्क सुरक्षा के लिए नीतियां और ट्रेनिंग भी महत्वपूर्ण होती है कर्मचारियों को सुरक्षा के सही तरीकों की जानकारी देना और उन्हें संभावित खतरों के बारे में जागरूक करना |

8.वायरलेस सिक्योरिटी( WIRELESS SECURITY):

वायरलेस सिक्योरिटी नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए एक विशेष सुरक्षा उपाय होते है जैसे WPA3 वायरलेस सिक्योरिटी हैकर्स को वायरलेस नेटवर्क तक पहुंचने से रोकता है| जिससे cybersecurity बढती है |

नेटवर्क सुरक्षा के लाभ:

  • डेटा सुरक्षा: संवेदनशील डेटा को चोरी और दुरुपयोग से सुरक्षित रखती है|
  • विश्वास और विश्वासनीयता: ग्राहक और कर्मचारियों में सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ता है|
  • नेटवर्क परफॉर्मेंस में सुधार: अनाधिकृत एक्सेस से बचाव के कारण नेटवर्क की स्पीड और स्थिरता में सुधार होता है|
  • कानूनी सुरक्षा: नेटवर्क सुरक्षा का पालन करने से संगठन को कानूनी जोखिमों से बचाया जा सकता है|

2. क्लाउड सुरक्षा (cloud security):

क्लाउड सिक्योरिटी एक प्रकार की cybersecurity हैं जो क्लाउड पर स्टोर डाटा और एप्लिकेशन और सर्विसेज को अनिधिकृत पहुँच व डेटा चोरी और साइबर हमलों से सुरक्षित रखने के लिए होती है| आजकल ज्यादातर कंपनियां क्या करती है वो अपने डाटा को एप्लिकेशन को स्टोर करने के लिए एक क्लाउड का उपयोग करती है क्योंकि यह सस्ता पड़ता है और अधिक लचीला भी है क्लाउड स्टोरेज में कई तकनीकी और नीतियों और टूल्स शामिल होते हैं जो क्लाउड डाटा और अप्लिकेशन सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि क्लाउड में स्टोर किया गया डेटा केवल अधिकृत यूज़र तक ही पहुंचे और किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति या साइबर अपराधी के हाथ में न जाए|

क्लाउड सुरक्षा के लाभ :

  • डेटा सुरक्षा: संवेदनशील जानकारी को चोरी और नुकसान से बचाता है|
  • बिज़नेस निरंतरता: साइबर हमलों के बाद भी डेटा रिकवरी संभव होती है जिससे व्यापार में निरंतरता बनी रहती है|
  • लचीलापन और स्कैलेबिलिटी: क्लाउड सुरक्षा उपयोगकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा विकल्प और स्कैलेबिलिटी
  • प्रदान करता है|
  • कम लागत: ऑन प्रिमाइसेस सिक्योरिटी के मुकाबले क्लाउड सुरक्षा का खर्चा कम होता है|

3.एंड पॉइंट सिक्योरिटी (endpoint security): एंड पॉइंट सुरक्षा एक प्रकार की cybersecurity है जो कंप्यूटर, लैपटॉप ,मोबाइल डिवाइस ,टैबलेट ,और अन्य डिवाइस
( जिन्हें एंड पॉइंट कहा जाता है) को साइबर खतरों अनाधिकृत एक्सेस और डेटा चोरी से सुरक्षित रखने के लिए होती है |इन डिवाइसेस को किसी भी नेटवर्क का मुख्य प्रवेश द्वार माना जा सकता है और इसलिए इन्हें सुरक्षित रखना आश्वयक आवश्यक है| एंड पंच सुरक्षा या सुनिश्चित करती है कि हर डिवाइस पर सुरक्षा उपाय लागू होता कि साइबर हमलों से नेटवर्क को सुरक्षित रखा जा सके आजकल जब ज्यादातर कर्मचारी रिमोटली या वर्क फ्रॉम होम करते ही तो एंड पॉइंट सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि ये डिवाइसेस संगठन के नेटवर्क से सीधे जुड़े होते है|

एंड पॉइंट सुरक्षा के घटक:

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1. मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन: मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय है जिसमें यूजर्स को लॉगिन करने के लिए पासवर्ड के साथ दूसरी पहचान जैसे ओटीपी फिंगरप्रिंट या फैक्स स्कैन की जरूरत होती है यह सुनिश्चित करता है कि केवल वास्तविक यूज़र ही एट पॉइंट को एक्सेस कर सके |

2. मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट(what is cybersecurity INMDM): मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट एक टूल है जो मोबाइल डिवाइसेस की सुरक्षा के लिए होता है इसके माध्यम से कंपनी की जो आई टी टीम होती है वो सभी डिवाइसेस को मॉनिटर कर सकती है और जरूरी सिक्योरिटी पॉलिसी को लागू कर सकती|

3. पैच मैनेजमेंट: पैच मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर को समय समय पर अपडेट करने का एक तरीका है इससे डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लीकेशन के अंदर किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी खामी को ठीक किया जाता है ताकि वे साइबर हमलों से सुरक्षित रहे|

एंड पॉइंट सुरक्षा के लाभ।

  • डेटा की सुरक्षा: इन पॉइंट सुरक्षा सुनिश्चित करती है कि संगठन का डेटा सुरक्षित रहे और किसी भी प्रकार की चोरी या क्षति से बचा रहे हैं।
  • साइबर हमलों से सुरक्षा: या साइबर हमलों को पहचानने और रोकने में मदद करता है। जैसे कि फिशिंग,रैनसमवेयर ,मालवेयर।
  • बिज़नेस की निरंतरता: मजबूत ऐंड पॉइंट सुरक्षा से संगठन की कार्य प्रणाली पर साइबर हमलों का कम प्रभाव पड़ता है।
  • लॉगिंग एंड मॉनीटरिंग: एंड पॉइंट सुरक्षा के माध्यम से संगठन अपने सभी डिवाइसेस पर नजर रख सकते हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की निगरानी कर सकते हैं।

एंड पॉइंट सुरक्षा क्यों जरूरी है? आज के डिजिटल युग में। जब ज्यादातर लोग अपने मोबाइल, लैपटॉप फौरन डिवाइसेस पर काम कर रहे हैं एंड पॉइंट सुरक्षा हर संगठन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। रिमोट वर्क। और जैसे ट्रेंड के कारण साइबर खतरों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। किसी भी प्रकार का साइबर हमला यह न केवल डेटा की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है बल्कि इस संगठन की साख और आर्थिक स्थिति पर भी बुरा असर डाल सकता है।

मोबाइल सुरक्षा(mobile security):

what is cybersecurity: आज कल सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाला डिवाइस हमारा मोबाइल ही है। हम हर दिन अपने मोबाइल का प्रयोग, अपनी दिनचर्या के काम और डिजिटल सेवाओं के लिए करते हैं। इसलिए मोबाइल सुरक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाती है। मोबाइल सुरक्षा का उद्देश्य ये होता है की हम अपने स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य मोबाइल डिवाइसेस को साइबर खतरों। ओर अनाधिकृत एक्सेस और डेटा चोरी से सुरक्षित रखना जरूरी हो जाता है। आज कल के डिजिटल युग में मोबाइल डिवाइसेस पर बैंकिंग, शॉपिंग, सोशल मीडिया और प्रोफेशनल कामों के लिए अत्यधिक निर्भरता के कारण इन्हें सुरक्षित रखना जरूरी है। मोबाइल सुरक्षा के अंतर्गत ऐसे कई उपाय और तकनीकें आतीं हैं|

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मोबाइल सुरक्षा के प्रमुख घटक।

1. पासवर्ड और बायोमैट्रिक सुरक्षा(password and Biometric security):

  • पासवर्ड, पिन, या पैटर्न। लॉकअप के मोबाइल डिवाइस की पहली सुरक्षा दीवार है।
  • बायोमेट्रिक सुरक्षा जैसे फिंगरप्रिंट और फेस आईडी। अनाधिकृत पहुंचने को रोकने के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करते हैं।

2. एंटी वायरस और एंटी मैलवेयर सॉफ्टवेयर(antivirus and anti malware software):

  • मोबाइल डिवाइसेज़ पर एंटीवायरस और एंटी मालवेयर। सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना जरूरी होता है ताकि ये वायरस ट्रोजन और मालवीय से सुरक्षित रह सकें।
  • ये सॉफ्टवेयर नियमित रूप से आपके डिवाइस को स्कैन करते हैं और हानिकारक फाइल्स और ऐप्स को हटाते हैं।

3. ऐप्लिकेशन परमिशन(application permission.): ऐप्लिकेशन को केवल आवश्यक परमिशन दे कई बार ऐप्स अनावश्यक परमिशन मांगते हैं जो आपकी निजी जानकारी को खतरे में डाल सकते हैं।

सेटिंग्स में जाकर परमिशन को चेक कर सकते हैं और बेवजह की परमिशन को हटा सकते हैं। है।

4. डेटा एन्क्रिप्शन(data encryption.): डेटा एन्क्रिप्शन में आपकी फाइल्स को एक कोर्ट में बदल दिया जाता है ताकि आप अगर आपका डिवाइस खो जाए तो उसे भी डेटा को एक्सेस कर सके।

अधिकांश मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में डेटा एन्क्रिप्शन का विकल्प होता है।

5. मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (multifactor authentication.):

  • यह एक सुरक्षा उपाय है जिसमें पासवर्ड के अलावा अन्य पहचान जैसे ओटीपी या बायोमेट्रिक की जरूरत होती है।
  • इससे आपकी महत्वपूर्ण ऐप्स और अकाउंट की सुरक्षा बढ़ जाती है।

6. फाइन्ड माइ डिवाइस और रिमोट लॉक(Find My Device and remote lock.):

  • फाइन्ड माइ डिवाइस फीचर का उपयोग करके आप अपनी डिवाइस का लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसे रिमोटली लॉक या इरेज भी कर सकते हैं। इससे आपके डेटा और फ्रॉड होने से बच सकते हैं।
  • इससे चोरी या गुम होने की स्थिति में डेटा सुरक्षित सुनिश्चित होता है।

7.ओ एस और एप्स को अपडेट रखना (updating OS and apps): मोबाइल के ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन मैं अपडेट रहते हैं। अब डेट में अक्सर नए सिक्योरिटी पैच होते हैं जो कमजोरियों को दूर करते हैं। ओर हमारा मोबाइल फ़ोन? ऐसे वायरस से बच सकता है।

8. पब्लिक वाईफाई से सुरक्षा है(public Wi-Fi security.):

  • हमेशा पब्लिक वाईफाई का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। यह हैकर्स के लिए एक आम जगह होती है जहाँ से वो आप गई जानकारी चुरा सकते हैं और cybersecurity का दुरुपयोग कर सकते हैं।
  • पब्लिक वाईफाई का उपयोग करते समय एम एस आ वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानी कि वीपीएन का उपयोग करना बहुत ज़रूरी हो। ताकि।

9. संदिग्ध लिंक्स और मैसेज से बचने(Avoid suspicious links and messages.):

  • अक्सर हमारे फ़ोन पे sms पे को मैसेज ये लिंक्स आते रहते हैं। और वे हमसे संवेदनशील जानकारी निकाल लेते हैं। उस लिंक्स के माध्यम से हम ही इन पर क्लिक करने से बचना चाहिये।
  • अज्ञात स्रोतों से आया मैसेज ईमेल होल्डिंग्स को न खोलें और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।

10. ब्ल्यूटूथ और एनएफसी सेटिंग का ध्यान रखें(Bluetooth and NFC setting ):

  • ब्ल्यूटूथ और एनएफसी का उपयोग केवल तभी करें जब जरूरत हो और इसके बाद इन्हें बंद कर दें|
  • खुले हुए ब्लूटूथ और एफसी का कनेक्शन आपकी डिवाइस को अनाधिकृत एक्सेस के प्रति संवेदनशील बना सकते हैं इसलिए जितनी जरूरत हो उतना ही खोले उसके पश्चात उसको तुरंत पर बंद कर दें|

मोबाइल सुरक्षा के लाभ|

  • डेटा की सुरक्षा: इसमें हम अपनी व्यक्तिगत और जो संवेदनशील जानकारी जैसे बैंकिंग विवरण हो गया पासवर्ड और कॉन्टैक्ट्स सभी सुरक्षित रहते हैं।
  • हैकिंग और साइबर हमलों से सुरक्षा: मोबाइल सुरक्षा साइबर हमलों, वायरस और मैलवेयर से आपकी डिवाइस को सुरक्षित रखती है।
  • अज्ञात स्रोतों से सुरक्षा: मोबाइल्स रचा। आपको फंसी स्पेंड संदिग्ध ऐप्स हादसे सुरक्षित रखती है।
  • डिवाइस का ट्रैकिंग और रिकवरी: यह मोबाइल सुरक्षा। और हमारे डिवाइस की चोरी या खो जाने की स्थिति में उसे ट्रैक और रिकवर करने में मदद करता।

मोबाइल सुरक्षा क्यों जरूरी है?

आज के समय में मोबाइल डिवाइस हमारे जीवन के एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। इनमें हमारी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंकिंग और फाइनांस डाटा, कॉन्टेक्ट्स, सोशल मीडिया, लॉगिन एंड पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी स्टोर रहती है। इसके साथ ही हम अपने मोबाइल का उपयोग इंटरनेट ब्राउज़िंग, ऑनलाइन शॉपिंग और अन्य कार्यों के लिए भी करते हैं, जिससे आज cybersecurity खतरों का आसान टारगेट बन सकता है।

what is cybersecuritycy से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न।

  • CIA त्रिकोण क्या? सीआईए त्रिकोण में तीन मुख्य सिद्धांत शामिल हैं।
  • गोपनीयता(confidentiality.): यह सुनिश्चित करना कि संवेदनशील जानकारी केवल अधिकृत व्यक्तियों द्वारा ही टैक्स की जाए, गोपनीयता का मात्र यही एक काम है।
  • अखण्डता(integrity.): डेटा की सटीकता, विश्वसनीयता बनाए रखना।
  • उपलब्धता(availability.): यह सुनिश्चित करना की जानकारी और संसाधन जब उससे खून तब अधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है।

2. आवेदन सुरक्षा

  • SQL इन्जेक्शन। क्या है और इसे कैसे रोका जा सकता है?
  • एस क्यू एल इंजेक्शन एक कोड इंजेक्शन तकनीक है जो एक एप्लिकेशन के सॉफ्टवेयर में कमजोरियों का लाभ उठाकर दुर्भावनापूर्ण एस क्यू एल क्वेरी डालती है। ऐसे पैरामीटर केव्रीज इनपुट वेलिडेशन और तैयार बना बयानों का उपयोग करके रोका जा सकता है।

क्रॉस साइट स्क्रीप्टिंग हमले क्या होते हैं?

  • क्रॉस साइट स्क्रीप्टिंग हमले में अन्य उपयोगकर्ताओं द्वारा देखे जाने वाले वेब पृष्ठों दुर्भावनापूर्ण स्क्रिप्ट को इंजेक्ट किया जाता है। इसे उपयोगकर्ता इनपुट को साफ करके और सामग्री सुरक्षा नीती इ लागू करके रोका जा सकता।
  • सत्र अपहरण को कैसे रोका जा सकता है?
  • सत्र अपहरण को सुरक्षित कुकीज़ का उपयोग करके एचटीटीपीएस लागू करके और संवेदनशील क्रि याओं के लिए सत्र समय सीमा या पुनः प्रमाणीकरण का उपयोग करके रोका जा सकता है।

3. इथिकल हैकिंग।

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  • एथिकल हैकिंग किया है और इसका क्या महत्त्व है?
  • इथिकल हैकिंग में सिस्टम में कानूनी रूप से प्रवेश करना शामिल होता है ताकि कमजोरियों की पहचान की जा सके। इससे पहले की दुर्भावनापूर्ण हमला अपना लाभ उठा सकें। यह संगठनों को अपनी सुरक्षा स्थिति मजबूत करने में मदद करता है।cybersecurity में हेल्प मिलती है |
  • पेनिट्रेशन टेस्टिंग को कैसे किया जाता है?
  • पेनिट्रेशन टेस्टिंग में सिस्टम या नेटवर्क पर साइबर हमलों का अनुकरण करना शामिल होता है ताकि कमजोरियों की पहचान की जा सके। इसमें योजना बनाना, स्कैनिंग करना, पहुँच प्राप्त करना, पहुँच बनाए रखा और निष्कर्ष रिपोर्ट करना शामिल होता है।

4. उभरती तकनीक

  • इंटरनेट ऑफ थिंग् की सुरक्षा चुनौतियां क्या है?
  • IOT (INTERNET OF THINGS) IOT उपकरण अक्सर कमजोर सुरक्षा उपायों के साथ आते है जिससे वे हमले के प्रति संवेदनशील होते है | चुनौतिया में मानवीकरण की कमी, अपराध अपडेट और डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताएँ शामिल हैं।
  • ब्लॉकचेन तकनीक सुरक्षा को कैसे बढ़ती है?
  • ब्लॉकचेन तकनीक, विकेंद्रीकरण, रिकॉर्ड्स की अपरिवर्तनीयता और डेटा कविता की रक्षा करने वाली क्रिप्टोग्राफिक तकनीकों के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाती।
  • मशीन लर्निंग का साइबर सुरक्षा में क्या योगदान है?
  • मशीन लर्निंग डेटा में पैटर्न पहचानने में मदद करती है, जो संभावित खतरों में असमानताओं को इंगित कर सकती है जिससे सक्रिय खतरा पहचानने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ती है।

5. साइबर हमले और खतरे।

  • सामान प्रकार के साइबर हमले कौन से हैं?
  • सामान प्रकार के हमलों के बारे में बात करें तो फिशिंग हमले। जैसे संवेदनशील जानकारी को प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी प्रयास, रन समवेयर हमले जैसे उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा से लॉक करना और मॉलवेयर। संक्रमण हानिकारक सॉफ़्टवेयर शामिल करना।
  • रैनसमवेयर क्या होता है, इसे कैसे रोका जा सकता है?
  • रैनसमवेयर एक प्रकार का मालवेयर होता है जो पीड़ित के फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता है। जब तक की फिरौती नहीं दी जाती, इससे नियमित बैकअप लेने, फिशिंग जागरूकता पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और प्रतिष्ठित सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के लिए दिया जा सकता है। ये बहुत ही खतरनाक। मिलके के होते है|

  • फिशिंग हमले के प्रकार कौन से होते हैं और उन से कैसे बचें?
  • इन हमलों में इस प्रकार के स्पीयर फिशिंग। विशिष्ट व्यक्तियों पर लक्षित और व्कुहेहलिंग व्यक्तियों पर लक्षित शामिल हैं बचने के लिए अनजान स्रोतों से ईमेल पर सतर्क रहे क्लिक करने से पहले लिंक सत्यापित करें और संवेदनशील जानकारी इस साझा न करें।

साइबर सिक्योरिटी बचाओ और उपाय।

cybersecurity के बचाओ और उपाय पढ़े

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1. अपने अकाउंट्स के लिए स्ट्रोंग और यूनिक पासवर्ड बनाएँ जो आसानी से गेस् न किया जा सके। पासवर्ड में कैपिटल लेटर्स नंबर सिंबल्स का उपयोग करें।

2. जहाँ भी संभव। टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर नेवल करके रखें। यह हमें एक एक तरह सिक्युरिटी लेयर प्रदान करता है, जो सिर्फ पासवर्ड के बजाय एक और वेरिफिकेशन स्टेप भी मांगता है। जिससे हमारी सुरक्षा और भी दोगुनी हो जाती।

3. सॉफ्टवेयर। अपडेट करते रहेंगे। अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और अप्लिकेशन को हमेशा अपडेट विक्की। इन अपडेट्स में सिक्योरिटी पैच होती है है। जो नए थ्रेट से बचाते है।

4. पब्लिक वाईफाई का यूज़र न करें, क्योंकि पब्लिक वाईफाई नेटवर्क सेंसिटिव इनफार्मेशन। जैसे बैंक डिटेल्स और पर्सनल डेटा से मना करेगा। अगर जरूरी हो तो वीपीएन का इस्तेमाल करें।

5. हमेशा एंटीवायरस पर एंटी मालवेयर अपने सिस्टम में। इन्स्टॉल कर के रखते हैं पवित्र स्टेड सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और उन्हें रेगुलर स्कैन करते रहे।

7. बैकअप रखना इतनी इम्पोर्टेन्ट डेटा को रेग्युलर बैकअप लेकिन आपको कभी। बिल का शिकार होते हैं, तो बैकअप से अपने डेटा वापस ले सकते हैं।

साइबर सिक्योरिटी से रिलेटेड कुछ प्रश्न जो। इंटरनेट पर पूछे जाते हैं।

1. साइबर सुरक्षा वेतन ( cyber security salary): cybersecurity के क्षेत्र में वेतन और नौकरी के प्रकार, अनुभव और कंपनी पर निर्भर करता है। शुरुआती स्तर पर तीन से ₹5,00,000 प्रतिवर्ष से लेकर अनुभवी पेशेवरो के लिए ₹10,00,000 या उससे अधिक तक पहुँच सकता है।

2. साइबर सुरक्षा नौकरियां (cyber security jobs.) :साइबर सुरक्षा में विभिन्न प्रकार की नौकरियां होती है जैसे कि साइबर सुरक्षा विश्लेषक। नेटवर्क स्वच्छा इंजीनियर, इथिकल हैकर आईटी सुरक्षा प्रबंधक इत्तेहाद आप इनकी तलाश? विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेट पर कर सकते हैं।

3. साइबर सुरक्षा कोर्स (cyber security course) : साइबर सुरक्षा सीखने के लिए कई कोर्स इंटरनेट पर उपलब्ध है। आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि COURSERA , UDEMY और अन्य संस्थानों से कोर्स कर सकते हैं जो बेसिक से एडवांस तक सिखाते हैं।

4. साइबर सुरक्षा प्रमाणपत्र (cyber security. Certification.) : साइबर सुरक्षा में कई प्रमाणपत्र है जैसे। CompTIA Security Plus. CISSP , CEH ( Certified Ethical Hacker)or CISM ये। प्रमाणपत्र करियर में वृद्धि के लिए मददगार होते हैं।

5. साइबर सुरक्षा समाचार ( cyber security news.) : साइबर सुरक्षा से जुड़े समाचार में नई तकनीक साइबर अटैक ने सुरक्षा उपाय और सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी मिलती है। विभिन्न तकनीकी न्यूज़, वेबसाइट और ब्लॉग्स पर ये खबरें पाई जा सकती है।

6. साइबर सुरक्षा विश्लेषक ( cyber security analyst. ) :सैम श्वेता विश्लेषक एक युवा व्यक्ति होता है जो किसी कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करता है, सुरक्षा उल्लंघनों को रोकता है और जोखिम का आकलन करता है।

7. साइबर सुरक्षा विश्लेषक का वेतन ( cyber security analyst salary.) : एक सर्वर सुरक्षा विश्लेषक। का वेतन लगभग पांच से ₹10,00,000 प्रतिवर्ष से शुरू हो सकता है और अनुभव और कौशल के आधार पर बढ़ सकता है।

11. राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ( National cyber security Centre) : राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र सरकार का एक विभाग होता है जो देश के साइबर infrastructure की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इसका उद्देश्य साइबर हमलों को रोकना और खुद क्रिया करना होता है। इसकी ऑफिसियल वेबसाइट है – Cyber Crime Portal

12. साइबर सुरक्षा में प्रवेश कैसे करें ( how to get into cyber security) : cybersecurity में प्रवेश के लिए कंप्यूटर साइंस, आईटी या साइबर सुरक्षा में डिग्री लेना उपयोगी हो सकता है। इसके अलावा साइबर सुरक्षा प्रमाणपत्र और एथिकल हैकिंग में कोर्स भी जरुरी है |

13. गूगल साइबर सुरक्षा प्रमाणपत्र(Google cyber security certificate ): गूगल भी cybersecurity से संबंधित कुछ सर्टिफिकेट प्रदान करता है, जिनसे सीखने वाले मौलिक से उन्नत स्तर तक का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। ये कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध है और करियर में सहायक हो सकता है।

14. क्या साइबर सुरक्षा एक अच्छा करियर है (switch cyber security a good career) : हाँ, साइबर सुरक्षा एक अच्छा करियर है क्योंकि डिजिटल युग में इसकी मांग बहुत अधिक है। इसमें अच्छी वेतन, करियर की वृद्धि और विविधता के अवसर है, जिसने इसे एक स्थिर और आकर्षक क्षेत्र माना जाता है।

निष्कर्ष : what is cybersecuritycy: केवल कंपनियों के लिए नहीं बल्कि हर इंसान के लिए आवश्यक है जो इंटरनेट पर मौजूद है। क्योंकि जैसे जैसे हमारी जैन जीवनशैली और कामकाज ऑनलाइन हो रहे गी, हमारे डेटा की सुरक्षा भी। उतनी ही महत्वपूर्ण होती जा रही है। साइबर हमलों से बचाव के लिए हमें जागरूक रहना है, नियमित रूप से अपने सुरक्षा उपायों को अपडेट करना है और मजबूत पासवर्ड जैसी छोटी लेकिन प्रभावी आदतों को अपनाना चाहिए। साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं है। हमारे डिजिटल आदतों का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अपने डेटा की सुरक्षा करना आज के समय में हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है ताकि हम ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रह सकें।

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